शासक-विद्वान
अकबर अबुल फजल (विद्वान पंडित और सलाहकार)
इसके दरबार में नवरत्न थे फैजी (दार्शनिक, कवि)अब्दुर्रहीम (कवि)
हकीम हुकाम (राजवैद्य)
मुल्ला दोप्याजा (विनोदशील)
तानसेन (संगीतज्ञ)
बीरबल (चतुर विद्वान)
मानसिंह (अनुभवी सेनापति)
राजा टोडरमल (भूमि मापकर मालगुजारी निश्चित करने वाला)
ख्बाजा अब्दुस्समद (विद्वान) (उपाधि - जरीकलम)
जहाँगीर अबुल हसन (चित्रकार)
बिसनदास (चित्रकार)उस्ताद मंसूर (चित्रकार)
शाहजहाँ मीर (चित्रकार)
अनूप (चित्रकार)चिन्तामणि (चित्रकार)
जगन्नाथ (कवि)
महमूद गजनवी अलबरूनी (विद्वान) (भारत के मानसून का वर्णन)
फिरदौसीउत्बी/उंसरी
फर्रूखी
शिवाजी अष्टप्रधान ( 8 विद्वान मंत्री )
महाराजा कृष्णदेव राय अष्टदिग्गज ( 8 विद्वान ) (तेनालीराम - प्रमुख विद्वान)अन्य विद्वान -
अमीर खुसरो : इसे अबुल हसन के नाम से भी जाना जाता था।इसे ’’ तूती-ए-हिन्द ’’ (हिन्द का तोता) की उपाधि दी गई थी।
इसे बलबन से लेकर गयासुद्दीन तुगलक तक के सभी सुल्तानों का संरक्षण प्राप्त था।
यह एक फारसी कवि था।
यह दिल्ली के संत निजामुद्दीन औलिया का शिष्य था।
यह तबला और सितार का आविष्कारक था।
यह हिन्दी के शब्दों तथा मुहावरों का प्रयोग करने वाला पहला विद्वान था।
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